सेंट्रल एक्साइज में आॅडिट के नाम पर करोड़ों- अरबों की लूट कब तक?

खबर आई है कि सोनीपत सेंट्रल एक्साइज में आॅडिट विंग डिपार्टमेंट के तीन अफसर रिश्वत लेते हुऐ गिरफ्तार हुए। खबर पढ़ने के बाद आपको पता लगेगा की किस तरह से भ्रष्ट अफसर  फैक्ट्री मालिको को ब्लैकमेल करते है और क्लीन चिट देने के नाम पर लाखों-करोड़ों इकट्ठा करते है। सेंट्रल एक्साइज का आॅडिट डिपार्टमेंट की पोस्टिंग मलाईदार मानी जाती है पैसे और अप्रोच के बल पर आॅडिट की पोस्टिंग ली जाती है। सेंट्रल एक्साइज में फैक्ट्री में जाने की प्रमिशन सिर्फ आॅडिट तथा एन्टीविजन के अफसरों  को ही दी जाती है फैक्ट्री में जाकर आॅडिट करने के नाम पर कई दिनों तक गलती निकालने के नाम पर  जांच चलती रहती है अगर कोई गलती न भी हो तब भी  दो तीन लाख लेकर निकलना तो लाजमी है। इस तरह से करोड़ों-अरबो रुपए की रिश्वत आॅडिट के जरिये इन अफसरों के जेबों में जाता है कितने ही उदाहरण दिए जा सकते है इन भ्रष्ट अफसरों के कई अफसर तो इतनें भ्रष्ट है की हमेशा पोस्टिंग ही आॅडिट में करवाते है। दिल्ली वालों की पहली फरमाईश होती है रोहतक या सोनीपत अभी भी कई भ्रष्ट अफसर सोनीपत आॅडिट में काम कर रहे है। मगर इनके बुरे दिन कब आयेंगे मालूम नहीं कई बार फैक्ट्री मालिको से पता चलता है कि आॅडिट वालों ने गलतियां निकाल कर और डरा कर करोड़ों रुपए रिश्वत में लिये है। ऐसे में कई फैक्ट्री मालिक लंबे चक्कर में फंसने से बचने के लिए अपनी प्रॉपटी तक बेच देते है उनको पता है कि ऊपर तक सब बिके हुये है कुछ नहीं होना। बहुत दिनों बाद सोनीपत में इस फैक्ट्री मालिक ने हिम्मत दिखाई और दिखाया है कि किस तरह रिश्वत इकट्ठी की जाती है दिल्ली से मलाईदार पोस्टिंग लेकर करोड़ों रुपए इकट्ठे किये जाते है। एक तरफ सरकार कहती है। कि इंस्पेक्टरराज से उद्योगपतियों को मुक्ति दिलाई जायेगी दूसरे तरफ वहीं अंग्रेजों द्वारा बनाये कानूनों पर चल कर फैक्ट्री मालिकों का शोषण किया जाता है। सरकार भी जानती है कि आॅडिट के नाम पर करोड़ों-अरबों की लूट होती है। सरकार के खजाने में कुछ भी नहीं जाता सिर्फ अफसरों की जेबे ही भरी जाती है।

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