सेंट्रल एक्साइज के चीफ कमिश्नर ने कारोबारी से मिलकर सरकार को लगाया 600 करोड़ का चूना

नई दिल्ली: करोड़पति बिजनेसमैन अशोक चतुर्वेदी और शीर्ष कस्टम कमिश्नर एस.के.एस सोमवंशी अब एक बड़ी मुसीबत में फंसते नजर आ रहे हैं, दरअसल सीबीआई इन पर 600 करोड़ के घोटाले की जाँच कर रही है। घोटाले की शिकायत एक उत्पाद शुल्क अधिकारी ने ही की है।
इस पूरे मामले में सबसे अहम बात यह है कि व्यवसायी अशोक चतुर्वेदी मुलायम सिंह यादव के नजदीकी हैं और पहले भी भ्रष्टाचार के दो अलग अलग मामलों में दोषी पाये गए हैं।
मुख्य आयुक्त (चीफ कमिश्नर) सोमवंशी पर इस व्यवसायी के साथ इस पूरे मामले में गठजोड़ करने का आरोप लग रहा है। सोमवंशी इंडियन रेवेन्यू सर्विस के 2009 बैच के अधिकारी हैं, जिनके खिलाफ सीबीआई में शिकायत की गई है कि उन्होंने मध्यप्रदेश में केंद्रीय उत्पाद में मुख्य आयुक्त रहते हुए एक गुटखा कंपनी के साथ गठजोड़ करके सरकार को 600 करोड़ के रेवेन्यू का नुकसान किया था।
आईआरएस अधिकारी श्रवण कुमार बंसल जो अभी भिलाई में तैनात है ने दावा किया कि वो और उसकी गर्भवती पत्नी जो कि एक आईआरएस अधिकारी हैं का तबादला भोपाल से कोचीन दुर्भावनापूर्ण तरीके से किया गया, जब उन्होंने गुटखा कंपनी का पक्ष लेने से इंकार कर दिया था।
सीबीआई से शिकायत में कहा गया है कि हाई स्पीड गुटखा पाउच पैकिंग मशीने लगाने में दी जाने वाली एक्साइज डूटी चोरी की गई।
चतुर्वेदी को दिल्ली जोन के चीफ कमिश्नर उत्पाद शुल्क को रिश्वत देने के आरोप में गिरफ्तार भी किया जा चुका है। बंसल का आरोप है कि एक हाई स्पीड मशीन की कीमत 90 लाख रूपये मशीन थी,जबकि इससे पहले कंपनी में जो मशीने लगी थी उनकी कीमत 60 हजार रूपये थी, ऐसे में नई मशीनो की लागत 150 गुना ज्यादा थी जिसकी सही तरीके से जाँच की जानी चाहिए थी।
बंसल ने सीबीआई को लिखी अपनी शिकायत में कहा कि जब में वहां तैनात था तो मैंने इस पूरे मामले में 2008 के पान मासाला कानून के मुताबिक मंजूरी देने से इंकार कर दिया था लेकिन चीफ कमिश्नर ऊपर से कंपनी पक्ष लेने का मुझ पर दबाव बना रहे थे।
बंसल ने इस पूरे मामले में सबूत भी दिए हैं और सोमवंशी और चतुर्वेदी के कॉल डिटेल की भी जानकारी दी है।

You are Visitor Number:- web site traffic statistics