नई दिल्ली : पड़ोसी देशों से भारत में सुपारी का निर्बाध आयात होता है, क्योंकि इंडोनेशिया और म्यांमार जैसे सुपारी के उदभव वाले देश साफ्टा के तहत मुहैया कराए गए निम्न आयात शुल्क का लाभ उठाते हैं।
इस स्थिति को देखते हुए तथा विभिन्न साझेदारों के प्रतिनिधित्व पर विचार करते हुए वाणिज्य विभाग ने सुपारी के आयात पर न्यूनतम आयात मूल्य (एमआईपी) को तत्काल प्रभाव से मौजूदा 110 रूपये प्रति किलो से बढ़ाकर 162 रूपये प्रति किलो करने का फैसला किया है।
एफएसएसआई ने अपने क्षेत्र अधिकारियों को भी आयात खेप को मंजूरी देने से पहले सुपारी की गुणवत्ता विनिर्देशों का सख्ती से अनुपालन करने की सलाह दी है। यह कदम भारतीय बाजार में निम्न गुणवत्ता वाली सुपारी के प्रवेश तथा घरेलू मूल्यों को अस्थिर होने से रोकने के लिए उठाया गया है।
सीमा शुल्क अधिकारियों को सलाह दी गई है कि वे अधिकतम मुस्तैदी के साथ उदभव के नियमों की जांच करें, जिससे कि यह सुनिश्चित हो सके कि अन्य देशों में उपजाई गई सुपारी का हमारे पड़ोसी देशों द्वारा साफ्टा के तहत निम्न आयात शुल्क का लाभ उठाते हुए हमारे देश में आयात न किया जा सके।
सुपारी के आयात पर वर्तमान एमआईपी में वृद्धि घरेलू किसानों के हित में होगी।