हाई कार्ट ने कहा , सर्वे टीम को असेंसमेंट का अधिकार नहीं, कैश या चैक नही ले सकते।
नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट ने एक अहम फैसले मं कहा है कि दुकानों या व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर वैट छापेमारी या सर्वे करने वाली जांंच टीमों को असेसमेंट या टैक्स वसूली का अधिकार नहीं है। ऐसी कारवाही के दौरान एनफोर्समेंट अधिकारी कैश या चैक के जरिए किसी रकम की डिमांड नही कर सकता। कोर्ट ने एक साल पहले तक इनपुट टैक्स क्रेडिट कैरी फॉरवर्ड पर पर लगी रोक से पीडि़त करदाताओं को भी राहत दी है।
इस मामलें में जॉइंट कमिश्नर रैंक के अधिकारी ने बड़े पैमाने पर डिप्लॉयमेंट ऑर्डर जारी किए थे और वैट एनफोर्समेंट अधिकरियों ने कारोबार परिसर में जाकर डिमांड निकाली थी। याचिकाकर्ता के मुताबिक, उसके यहां असिस्टेंट वैटो ने छानबीन के बाद डीवैट एक्ट के सेक्शन 32 के तहत टैक्स और पेनाल्टी का मूल्यांकन करते हुए डिफाल्ट नोटिस जारी किया था टैक्स और ब्याज के तौर पर 4.40 लाख और लगभग इतनी ही पेनाल्टी की डिमांड की गई थी। कई शिकायतो की संयुक्त याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने डिवेट एक्ट के चेप्टर-10 की व्याख्या,की, जिसके तहत वैट कमिश्नर विभिन्न तरह की कार्रवाइयों के लिए जिम्मेदारियां तय कर सकता है। जस्टिस एस.मुरलीधर और जस्टिस विभु बाखरू की बेंच ने कारोबार स्थल पर जांच और ऑडिट की कार्रवाही को धारा 85 के तहत प्रशासनिक कार्य करार दिया, जो सेक्शन 84 के तहत दिए गए असेसमेंट या कर निर्धारण व ब्याज लगाने के अधिकार से अलग है।
सौजन्य से- इकॉनोमिक टाइम्स