फर्जी इम्पोर्ट का भंड़ाफोड़
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बैंक आॅफ बड़ौदा मनी लांडिंग रैकेट से जुड़े दिल्ली के कारोबारी बाप-बेटे को गिरफ्तार किया है। इन दोनों पर फर्जी कंपनियों के मार्फत करीब 250 करोड़ रुपये हांगकांग भेजने का आरोप है। पिछले साल जांच एजेंसियों ने बैंक आॅफ बड़ौदा की दिल्ली स्थित अशोक विहार शाखा से करीब 6000 करोड़ रुपये के हवाला रैकेट का पदार्फाश किया था। ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार गिरफ्तार किए गए बाप-बेटे मनमोहन सिंह सहगल और गगनदीप सिंह सहगल का चीन से मोबाइल उपकरण आयात करने का काम है। लेकिन आयात शुल्क बचाने के लिए दोनों ने वरुण भाटिया और गौरव भाटिया नाम के डाटा एंट्री आॅपरेटर की सहायता से बैंक आॅफ बड़ौदा की अशोक विहार शाखा में तीन फर्जी कंपनियों के खाते खुलवाए। फिर इन कंपनियों के मार्फत आयात के लिए एडवांस के नाम पर हांगकांग की एक कंपनी में 245 करोड़ रुपये भेज दिए। जबकि हकीकत में ये कंपनियां कोई काम करती ही नहीं थीं। ईडी के अनुसार इस रकम का इस्तेमाल सहगल बाप-बेटे चीन में महंगे मोबाइल उपकरण खरीदने में करते थे। लेकिन भारत लाते समय उसकी कीमत काफी कम दिखाते थे। कीमत कम दिखाने से उन्हें भारत में कम आयात शुल्क देना पड़ता था। इस तरह से सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगता था। पूरी जांच में सहगल बाप-बेटे की भूमिका के पुख्ता सुबूत मिलने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।