फर्जी कस्टम कागज़ात से कालाधन रोकने पर सरकार की नजर

नई दिल्ली : कानून लागू होने से पहले विदेश में जमा ब्लैक मनी को ट्रेड और अन्य रूट्स से देश में वापस न लाया जाए, इसके लिए फाइनेंस मिनिस्ट्री ने निगरानी बढ़ा दी है। मिनिस्ट्री के तहत आने वाली एजेंसियां अगले कुछ महीनों में ट्रेड फ्लो पर नजर रखेंगी, क्योंकि फंड्स को कानूनी तौर पर लाने के लिए ओवर-इनवॉयसिंग का इस्तेमाल किया जा रहा है।
मिनिस्ट्री के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘निगरानी बढ़ाई जाएगी।’ इसके लिए गोल्ड और डायमंड शिपमेंट्स के ट्रेडिशनल चैनल्स पर नजर रखी जाएगी क्योंकि ब्लैक मनी लाने के लिए इनका इस्तेमाल होता रहा है। डायमंड्स को लेकर एजेंसियों को काफी मुश्किल होती है क्योंकि रफ और पॉलिश्ड स्टोन्स की वैल्यू में बड़ा अंतर रहता है।
रेवेन्यू एजेंसियों ने ट्रेड-बेस्ड लाउंडरिंग में बढ़ोतरी का ट्रेंड देखा है। इसमें कई तरह के तरीके अपनाए जा रहे हैं, जिनमें कम वैल्यू वाले गुड्स का एक्सपोर्ट और इम्पोर्ट शामिल हैं, जिन्हें हाई-वैल्यू आइटम्स डिक्लेयर किया जाता है। इसके जरिए देश में अवैध मनी लाई जाती है। ब्लैक मनी लॉ के लागू होने से पहले इस तरह की ट्रांजैक्शंस में और बढ़ोतरी की आशंका है।
एक्सपोर्ट टर्नओवर या इम्पोर्ट वॉल्यूम में अचानक आई तेजी गड़बड़ी का संकेत हो सकती है। अथॉरिटीज के पास अब इसकी जांच के लिए ज्यादा पावर है। फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली ने बजट में प्रपोजल दिया था कि गलत डिक्लरेशन या जाली डॉक्युमेंट्स जैसे कस्टम्स से जुड़े अपराधों को मनी लाउंडरिंग एक्ट के तहत लाया जा सकता है।
सरकार ने पिछले महीने संसद में अनडिस्क्लोज्ड फॉरेन इनकम एंड एसेट्स (इम्पोजिशन ऑफ टैक्स) बिल, 2015 पेश किया था। इसका मकसद विदेश में जमा ब्लैक मनी से निपटना है। इस कानून के तहत रेजिडेंट्स को एक अप्रैल, 2016 से शुरू होने वाले असेसमेंट ईयर से फॉरेन इनकम और एसेट्स की जानकारी देनी होगी। ऐसा नहीं करने पर भारी जुर्माने के साथ 10 साल तक की जेल भी हो सकती है। हालांकि, कानून के पालन के लिए एक बार मौका दिया जाएगा। अगर लोग इस बार डिक्लेयरेशन फाइल करते हैं और 30 पर्सेंट के रेट से टैक्स और पेनाल्टी के तौर पर इतनी ही रकम देते हैं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही नहीं की जाएगी।
इसके बाद फॉरेन इनकम डिक्लेयर न करने पर बकाया टैक्स की 300 पर्सेंट तक पेनाल्टी लगेगी और दोषी को कानूनी कार्यवाही का भी सामना करना पड़ेगा। सरकार को उम्मीद है कि लोग इस मौके का इस्तेमाल कर इस तरह की मनी डिक्लेयर करेंगे, लेकिन ऐसी आशंका जताई जा रही है कि ब्लैक मनी देश में लाने के लिए अन्य रूट्स का इस्तेमाल किया जा सकता है। आमतौर पर इस तरह के कानूनों से ब्लैक मनी रखने वालों पर ज्यादा असर नहीं पड़ता, लेकिन इस बार स्थिति उनके लिए मुश्किल हो सकती है।
स्रोत : ईटी
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