निर्यात प्रमोशन के चलते 33 हजार करोड़ की लगी चपत

नई दिल्‍ली :  केंद्र सरकार ने 2009-10 से 2013-14 के दौरान ईओयू स्‍कीम के तहत निर्यात को प्रोत्‍साहन देने के प्रयास किए, जिसके चलते 32,932 करोड़ रुपए का रेवेन्‍यू गंवाना पड़ा। नियंत्रक एंव महालेखापरीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है।
संसद में पेश की गई सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार भारत सरकार को 2009-10 से 2013-14 के दौरान 32,932 करोड़ रुपए का कस्‍टम रेवेन्‍यू छोड़ना पड़ा। यानी, सरकार के इस कदम से सरकारी खजाने को करीब 33 हजार करोड़ रुपए की चपत लगी।
निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार विभिन्‍न योजनाएं चलाती है और एक्‍सपोर्ट ओरिएंटेड यूनिट (ईओयू) स्‍कीम एक है। इसके 1980 में लांच किया गया था। इस स्‍कीम का उद्देश्‍य उत्‍पादन क्षमता में अतिरिक्‍त बढ़ोत्‍तरी कर निर्यात को बढ़ावा देना था। पिछले कुछ सालों में इस स्‍कीम में कई बदलाव हुए हैं।
सीएजी रिपोर्ट के अनुसार 2013-14 में सरकार के निर्यात लक्ष्‍य में करीब 33 फीसदी की गिरावट आई थी। सरकार की स्‍ट्रैटजिक रणनीति और ईओयू स्‍कीम न तो कारोबारियों को आकर्षित करने में सफल हो पाई न ही ग्रोथ में ही इसका योगदान रहा। जबकि इसके चलते पर्याप्‍त मात्रा में ड्यूटी गंवानी पड़ी।
स्रोत : दैनिक भास्कर
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