नई दिल्ली : भारतीय इतिहास में पहली बार सोने की तस्करी 1000 करोड़ रुपए के पार पहुंच गई है। कस्टम, पुलिस और रेवेन्यू विभाग ने वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान 3500 किलो सोना जब्त किया है, जिसकी कीमत 1100 करोड़ रुपए है। 2012-13 के दौरान 100 करोड़ रुपए कीमत का 350 किलो सोना जब्त किया गया था। सरकार ने चालू खाता घाटा कम करने के लिए सोने के आयात पर लगने वाले शुल्क को बढ़ाकर 10 फीसदी कर दिया था, जिसके कारण तस्करी 900 फीसदी बढ़ी है।
लगातार सोने की तस्करी
डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) के मुताबिक सोने की तस्करी में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है। डीआरआई के आंकड़ों के अनुसार 2012-13 में 100 करोड़ रुपए का सोना जब्त हुआ था। वहीं, 2013-14 के दौरान 690 करोड़ रुपए का सोना एजेंसियों ने पकड़ा है। जबकि 2014-15 के दौरान सारे रिकॉर्ड टूट गए और 1100 करोड़ रुपए का सोना पकड़ा गया।
सोना तस्करी का रूट बदला
सूत्रों के मुताबिक भारत में सोने की तस्करी लिए रूट्स में काफी बदलाव आया है। हाल के दिनों में आए नेपाल में भीषण भूकंप की वजह से तथाकथित सोना तस्करों के सरगना की मौत हो गई है। जिसके कारण अब भारत में सोने की तस्करी लिए नए रूट्स का इस्तेमाल किया जा रहा है जिनमें गुजरात, मणिपुर और पश्चिम बंगाल के बॉर्डर क्षेत्र शामिल है। आमतौर पर नेपाल में 80-100 किलो सोना जब्त होता है लेकिन 2013-14 के दौरान यह आंकड़ा बढ़कर दोगुना हो गया है। सरकारी एजेंसियों के मुताबिक तस्कर दुबई, थाईलैंड और चीन के रास्ते सोना भारत लाते है।
देश में सोने का आयात 36 फीसदी बढ़ा
वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान देश में सोने का आयात 36 फीसदी बढ़कर 900 टन हुआ है। पिछले साल 665 टन सोना देश में आयात था। मार्च में सोने का आयात 60 टन से बढ़कर 125 टन पहुंच गया था। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक इस साल देश में 900-1000 टन सोना खपत होने की संभावना है।
स्रोत : दैनिक भास्कर