नई दिल्ली : जिस तरह से सरकार हर साल एक्सपोर्ट बढ़ाने की कोशिश करती है और एक्सपोर्टरों को कई तरह की सुविधाएं मुहैया करवाती हैं उसका फायदा ड्रॉ -बैक माफिया हमेशा से उठाते आये हैं। हाल ही में दिल्ली एयरकार्गो में एक मामला सामने आया है जिसमे जिसमे 6 मई 2015 को कंपनी जे. जे. कॉलोनी के पते पर बनाई गई और और 9 मई 2015 को इस कंपनी ने 120 करोड़ का माल एक्सपोर्ट किया जिसमे ड्रॉ-बैक क्लेम बना 1 करोड़ 24 लाख रूपये, डीआरआई ने जब इस एक्सपोर्ट किये जा रहे माल को रोका और इसकी जाँच की तो इसमें इतना घटिया किस्म का गारमेंट निकला कि ये विदेश तो क्या भारत में भी किसी काम के लायक है ही नहीं।
सूत्रों के अनुसार एयरकार्गो से इस तरह के अवैध एक्सपोर्ट के लिए एक्सपोर्टर छुट्टी से अगले दिन को चुनते हैं ताकि उनका माल अगले दिन उड़ जाये। सरकार जाँच करे इस तरह से काम करने वालों का ड्रॉ-बैक एक हफ्ते में कैसे दिया जा रहा है और सही तरीके से काम करने वालों का ड्रॉ-बैक महीनो तक क्यों रोका जा रहा है, यही कारण है कि ये फर्जी ड्रॉ -बैक घोटाला करने वाले 5 प्रतिशत दलाल को देकर ड्रॉ -बैक ले जाते हैं।रेवेन्यू न्यूज़ ने कई बार लिखा भी है कि यह ड्रॉ -बैक विदेशी पैसा आने के बाद ही दिया जाना चाहिए।