दिल्ली इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयर पोर्ट पर कस्टम की वसूली से परेशान विदेशी यात्री

नई दिल्ली : देश की राजधानी इंटरनेशनल एयर पोर्ट जहां की गुंज विदेशों में भी होती है पूरी दुनिया के पैसेंजर यहां उतरते है यात्रियों के सामान की जांच करने की जिम्मेदारी कस्टम विभाग पर ज्यादा है मगर कस्टम विभाग क्या करता है देश के लोगों को पता ही है। विदेशियों को पता है कि यहां डॉलर दो और जो मर्जी निकाल लो। यहां हाथी निकल जाता पूंछ रह जाती है। कस्टम विभाग कितना जिम्मेदारी से यहां अपना फर्ज निभाता है यहां पर देखा जा सकता है। अंदर की बात करें तो नॉन सेंस्टीव लोगों को सेंस्टीव पोस्टिंग पर तैनात कर रखा है। एयर पोर्ट कस्टम की भाषा में कभी सेंस्टीव हो जाता है तो कभी नॉन सेंस्टीव। यहां पर कई अफसर ऐसे मिल जायेंगे जो सालों से यही पड़े है पूछा जाये क्यों? क्या क्या खेल होते है इस एयर पोर्ट पर कैसे होता है पैसों का बटवारा कैसे निकाले जाते है सैटिंग से स्मगलर। फिर कभी पूरे किस्से लिखेंगे किस तरह से कस्टम अफसर डॉलर तथा पैसे टूरिस्टों से ले लेते है। रेवेन्यू न्यूज़ के पास अभी की कुछ ताजा घटनायें है मगर हम नहीं चाहते कि यह सब पढ़ कर देश की बदनामी हो।
देश में गोल्ड एवं अन्य सामान पर इम्पोर्ट नियमों के सख्त होने से आर्थिक स्थिति में सुधार तो आया लेकिन इस सख्ती की आड़ में देश के कई एयरपोटो पर कस्टम अधिकारियों द्वारा विदेशों से आने वाले यात्रियों से जबरन वसूली भी की जा रही है। अखबार मेल टुडे में छपी एक खबर के मुताबिक कई विदेशी दूतावासों और यात्रियों ने इस मामले को विदेश मंत्रालय को लिखित रूप से अवगत करवाया था लेकिन मंत्रालय की तरफ से अभी इस पर कोई प्रतिक्रया नहीं है। अखबार में छपी खबर के अनुसार ऐसे मामलों के शिकार हुए लोगों ने कस्टम विभाग और विदेश मंत्राालय को लिखी अपनी शिकायत में लिखा है कि कस्टम अधिकारियों द्वारा ज्यादातर पश्चिमी एशिया से मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए आये लोगों को इस तरह जबरन वसूली का शिकार बनाया जा रहा है।
इस कड़ी के ताजा घटनाक्रम में अफगानिस्तान के दूतावास ने (एमईए) को लिखी अपनी शिकायत में कहा है कि- दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल (आईजीआई) एयरपोर्ट पर वर्दी धारी दो अधिकारियों ने अब्दुल समद और उसकी गंभीर रूप से बीमार बेटी से एक कमरे में 200 डॉलर यानि 12,420 रूपए मांगे और नहीं देने पर गिरफ्तारी की धमकी भी दे डाली। यहाँ तक कि यात्रियों ने खुद की भी ऐसी शिकायतें एमईए को भेजी हैं। एक अन्य यात्री ने अपनी शिकायत में कहा है कि टी -3 टर्मिनल पर जब वह सामान क्लियर करवाने वाले काउंटर पर कस्टम डूटी चुकाने गया तो गया तो कस्टम अधिकारी द्वारा दो 50-50 ग्राम के गोल्डबार क्लियर करवाने के लिए उसे अलग ले जाकर 1.20 लाख रूपए मांगे गए। बैंकाक से आए एक यात्री ने आरोप लगाया है कि उसे अपने स्वर्णाभूषण कस्टम क्लीयरैंस वालों के हवाले करने को मजबूर किया गया और 2 घंटे प्रतीक्षा करने के बाद जब वह उनके पास आभूषण वापस लेने गया तो उन्होंने सिरे से ही इंकार कर दिया कि उनके पास उसका कोई स्वर्णाभूषण है। कहा जाता है कि कस्टम कार्यालय के भीतर तथा काउंटरों पर लगाए गए सी.सी.टी.वी. स्वयं विभाग द्वारा ही मॉनीटर किए जाते हैं जिससे कस्टम स्टाफ को अपनी अवैध गतिविधियां जारी रखने में पूरी सहायता मिलती है। एक सीनियर कस्टम अधिकारी के अनुसार यात्रियों द्वारा की गई सारी शिकायतें डिप्टी कमिश्नर विजिलेंस को भेज दी गई हैं।
You are Visitor Number:- web site traffic statistics