दक्षिण भारत में स्मगलिंग के द्वारा आ रहा है भारी मात्रा में सोना

चैन्नई : देश में गोल्ड की डिमांड बढ़ने के साथ दुबई और सिंगापुर से बड़ी मात्रा में यह कीमती धातु तस्करी के जरिए भारत आ रही है। इसका एक बड़ा कारण यह है कि इन देशों में गोल्ड की कीमत भारत से कम है। डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हाल के समय में दक्षिण भारत के शहरों में कई किलोग्राम गोल्ड जब्त किया गया है और पिछले सप्ताह तमिलनाडु के मदुरै एयरपोर्ट पर पर 8.43 करोड़ रुपये का 31.75 किलोग्राम गोल्ड पकड़ा गया था।
अधिकारी ने कहा कि भारत में गोल्ड की खरीदारी के आकर्षण की वजह से तस्करों के लिए दुबई और सिंगापुर में गोल्ड खरीदकर उसे देश में लाना फायदे का सौदा बन गया है। गोल्ड के तस्कर या कूरियर कस्टम अधिकारियों से बचने के लिए खुद को वास्तविक यात्रियों के तौर पर दिखाते हैं। अधिकारी ने बताया, दुबई और सिंगापुर गोल्ड मार्केट के बड़े सप्लाई सेंटर हैं और दक्षिण भारत के ज्यादातर यात्री इन दोनों जगहों से विमान के जरिए आते हैं, जबकि श्रीलंका से गोल्ड की अधिकांश तस्करी समुद्री रास्ते के जरिए होती है। गोल्ड पर इम्पोर्ट डूटी बढ़ने और इसकी खरीदारी पर बंदिशों की वजह से इसकी तस्करी आकर्षक बन गई है।
अधिकारी ने कहा कि एक्सचेंज रेट और देशों के बीच इम्पोर्ट डूटी में अंतर से अन्य चीजों के मुकाबले गोल्ड की तस्करी करना ज्यादा पसंद किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि भारत में खरीदे जाने वाले गोल्ड और दुबई में इसकी समान मात्रा में खरीदारी में कस्टम डूटी चुकाने के बाद लगभग पांच लाख रुपये का अंतर है। इसी वजह से तस्कर कस्टम डूटी से बचने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल करते हैं।
अधिकारी के मुताबिक, देश में गोल्ड लाने वाले किसी भी यात्री को एयरपोर्ट पर कस्टमर्स को इसे डिक्लेयर कर फॉरेन एक्सचेंज में कस्टम डूटी चुकानी होती है। यह सुविधा मुख्यतौर पर उन यात्रियों को दी जाती है जो विदेश में कुछ समय तक काम करने के बाद लौटते हैं।
अधिकारी ने बताया कि कस्टम्स एक्ट, 1962 के तहत फॉरेन एक्सचेंज में कस्टम डूटी चुकाने पर एक किलोग्राम तक गोल्ड लाने की अनुमति है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) के अनुमान के मुताबिक, 2014 में देश में गोल्ड की डिमांड 604 टन की थी और 2015 के पहले दो क्वॉर्टर्स में यह 268 टन रही। अधिकारी ने कहा कि भारत के साथ ही श्रीलंका और बांग्लादेश ने गोल्ड की स्मगलिंग पर लगाम लगाने के लिए ऊंची इम्पोर्ट डूटी और बंदिशें लगाई हैं। डीआरआई का कहना है कि जून 2013 से तमिलनाडु के समुद्री तट का इस्तेमाल तस्करी के लिए किया जा रहा है और इस कारण बहुत से तस्करों और एजेंटों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं। पिछले फाइनेंशियल ईयर में गोल्ड की तस्करी करने के आरोप में 54 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

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