नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने ऐसे गिरोह का भंडाफोड किया है, जो चीन से मोबाईल पाट्र्स मंगवाकर उनसे नामी कंपनियो के डुप्लीकेट मोबाईल फोन तैयार कर बाजारो मे बेचते थे। मामले मे चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उनकी निशानदेही पर पुलिस ने पटेल नगर स्थित गोदाम पर छापा मारकर 10500 मोबाईल फोन बरामद किये हैं। जब्त फोन 1500 से 4,000 रूपये के हैं। इनकी कीमत दो करोड़ से अधिक बताई जा रही है।
संयुक्त आयुक्त रविंन्द्र यादव के मुताबिक पकडे़ गए आरोपियों के नाम रविंन्द्रपाल ( तिलक नगर, दिल्ली), रंजीत (रामपुर उत्तर प्रदेश) व सुखदेव (रामपुर, उत्तर प्रदेश) व किरणदीप (राजौरी गार्डन) है। इंस्पेक्टर सुरेंन्द्र की टीम ने उन्हे गिरफ्तार किया। मुख्य आरोपी रविंद्रपाल का पार्टनर ठंदरपाल अभी फरार है। ये लोग एक साल से सैमसंग, नोकिया, कार्बन, स्पाईस व लावा आदि कंपनियों के नकली मोबाईल बनाने का धंधा कर रहे थे।
एक महिने पहले क्राइम ब्रांच ने लाजपत राय मार्केट में छापा मारकर करीब 45 लाख रूपये मूल्य के डुप्लीकेट मोबाइल फोन बरामद किए थे। छह आरोपियो को गिरफ्तार भी किया गया थां जांच में पता चला था कि डुप्लीकेट मोबाइल बेचने से पहले वह लोग उनमें सिमकार्ड डाल कर जांच करते थे। डुप्लीकेट मोबाठल में बैटरी के पास जो स्टीकर होता है, उस पर आईएमईआई नंबर कुछ और दर्ज रहता है और साफ्टवेयर में कुछ और ये लोग क्लोनिंग करके मोबाइल तैयार करते थे। असली कंपनी का मोबाइल चैक करने का तरीका यह होता है कि संबंधित बटन दबाने पर जो आईएमईआई नंबर आता हैं। वही स्टीकर या अंदर बॉडी पर होता है। सिमकार्ड की जांच करने पर पता चलता है की वह रविन्द्रपाल के नाम पर है। उसके बाद पुलिस उस तक पहंुची। पूछताछ करने पर पता चला कि वे लोग चीन से मोबाइल पाट्र्स मंगाते थे। उसके बाद मटियाला में फैक्टी में जाकर पाट्र्स से विभिन्न कंपनियो के नाम पर मोबाइल तैयार करते थे। क्लोनिंग कर सोफ्टवेयर में आईएमईआई नंबर डालते थे। वही पर कंपनी का लोगो भी चिपका देते थे। आईएमईआइ का नंबर चिपकाने के बाद पैकिंग का उत्तम नगर गोदाम में लाते थे। वहां सिम डालकर सभी को चैक करने के बाद पटेल नगर में बड़े गोदाम में रखवा देते थे। उसके बाद करोल बाद मोबाइल को करोल बाग, गफ्फार मार्केट समेत अन्य बाजारों में आपूर्ति करते थे। इंदरपाल के पकड़े जाने के बाद पता लग सकेगा कि डुप्लीकेट मोबाइल किन-किन राज्यों में सप्लाई करते थे।