जो कंपनियां जीएसटी रिटर्न फाइल नहीं कर रही हैं उनके लिए जल्द ही सरकार सख्ती का कदम उठा सकती है। टैक्स अधिकारी जल्द ही उन फर्मों के पास पहुंच सकते हैं जिन्होंने GST के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था लेकिन रिटर्न नहीं भरा है या टैक्स का भुगतान करने में नाकाम रही हैं। अप्रत्यक्ष कर संस्था जीएसटी के तहत आने वाले टैक्सपेयर्स के गायब होने की जांच शुरु करने जा रहा है। इसमें ऐसी फर्मों के परिसरों का विजिट करना भी शामिल है।
रिर्पोट के अनुसार बहुत से रजिस्टर्ड टैक्सपेयर्स के गायब होने को लेकर चिंता बढ़ रही है। इसके साथ ही बड़ी संख्या में ऐसे मामले भी समाने आए हैं जिनमें टैक्स क्रेडिट क्लेम करने के लिए फर्जी इनवॉयस का इस्तेमाल किया गया था। टैक्स अथॉरिटीज शुरुआत में रजिस्टर्ड परिसरों की पुष्टि करेंगी और टैक्स से बचने का खुलासा होने पर जांच का दायरा बढ़ाया जा सकता है। आपको बता दें कि कर्नाटक में ऐसा अभियान शुरु किया गया है और अन्य राज्य भी इस तरह के कदम उठा सकते हैं क्योंकि जीएसटी संग्रह एक महीने में 1 लाख करोड़ रुपए से कम रहा है। नवंबर में जीएसटी कलेक्शन घटकर 97,637 करोड़ रुपए रहा था, जबकि अक्टूबर में इसने एक लाख करोड़ रुपए का आंकड़ा पार किया था। तो वहीं GSTR3B दाखिल नहीं करने वाली फर्मों की संख्या भी बढ़ रही है, जो टैक्स अथॉरिटीज के लिए चिंता का विषय है। जीएसटीआर3बी का कंप्लायंस का बोझ कम करने के लिए जीएसटी लागू करने के समय पेश किया गया था। सरकार के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर के महीने के लिए नवंबर में 69.6 लाख GSTR3B फॉर्म दाखिल किए गए थे। अब तक जीएसटी के लिए 1 करोड़ से अधिक कारोबारी रजिस्टर्ड हैं।
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