जीएसटी सरलीकरण, रीयल एस्टेट के लिये कंपोजीशन योजना की व्यावहारिकता को परखेगा मंत्री समूह

नयी दिल्ली, 15 जनवरी (भाषा) गुजरात के उप- मुख्यमंत्री नितिन पटेल की अध्यक्षता में गठित एक मंत्रीस्तरीय समूह रीयल एस्टेट क्षेत्र के लिये कंपोजीशन योजना के साथ साथ जीएसटी दरों के सरलीकरण की संभावनाओं पर विचार करेगा। माल एवं सेवाकर (जीएसटी) परिषद की 10 जनवरी को हुई बैठक में जीएसटी व्यवस्था के तहत रीयल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिये सात सदस्यीय मंत्री समूह गठित करने का फैसला किया गया था। वित्त मंत्रालय के यहां जारी वक्तव्य में मंत्री समूह की संदर्भ शर्तों में अन्य बातों के अलावा रीयल एस्टेट क्षेत्र के लिये एक कंपोजीशन योजना बनाना भी शामिल है। मंत्री समूह रीयल एस्टेट क्षेत्र पर लागू जीएसटी दरों के सरलीकरण का भी विश्लेषण करेगा। इसके साथ ही समूह रीयल एस्टेट क्षेत्र के समक्ष आने वाली चुनौतियों और मुद्दों पर भी गौर करेगा। मंत्री समूह रीयल एस्टेट क्षेत्र में भूमि तथा विभिन्न प्रकार की अन्य सामग्री को कंपोजीशन योजना में शामिल करने अथवा अलग रखने की वैधानिकता की भी जांच परख करेगा साथ ही उसकी मूल्यांकन प्रणाली के बारे में भी सुझाव देगा। रीयल एस्टेट क्षेत्र पर गठित इस मंत्री समूह में शामिल अन्य मंत्रियों में महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री, तथा गोवा के पंचायत मंत्री माउविन गोदिन्हो शामिल हैं। वर्तमान में निर्माणाधीन संपत्तियों और ऐसे तैयार फ्लैट जहां बिक्री के समय कार्य पूरा होने का प्रमाणपत्र नहीं दिया गया, उनके भुगतान पर 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाया जाता है। इस तरह की संपत्तियों पर जीएसटी लागू होने से पहले 15 से 18 प्रतिशत की दर से कर लगाया जाता था। बहरहाल, ऐसी रीयल एस्टेट संपत्ति जिसके लिये बिक्री के समय कार्य पूरा होने संबंधी प्रमाणपत्र जारी हो चुका है, उनके खरीदारों पर जीएसटी नहीं लगाया जाता है। ऐसी शिकायतें मिलीं हैं कि जीएसटी लागू होने के बाद बिल्डर संपत्तियों के दाम में कमी लाकर ग्राहकों को इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं दे रहे हैं।

सौजन्य से: नभारत टाईम्स

 

You are Visitor Number:- web site traffic statistics