केंद्र वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद सचिवालय की संरचना पर गौर करेगा ताकि भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारियों की प्रमुख पदों पर नियुक्ति सुनिश्चित हो सके।
नयी दिल्ली : केंद्र वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद सचिवालय की संरचना पर गौर करेगा ताकि भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारियों की प्रमुख पदों पर नियुक्ति सुनिश्चित हो सके। आईआरएस अधिकारियों के एक एसोसिएशन ने यह बात आज कही। आईआरएस अधिकारियों के एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल की वित्त मंत्री अरूण जेटली से कल यहां मुलाकात के बाद यह बात सामने आयी है।
एसोसिएशन ने एक बयान में कहा कि वित्त मंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया है कि जीएसटी परिषद सचिवालय की संरचना पर ध्यान दिया जाएगा। बयान के मुताबिक उन्होंने आश्वस्त किया कि जीएसटी के लिये विभाग के साथ-साथ केद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) के अधिकारी अहम होंगे। अधिकारियों के हितों के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा और किसी भी परिस्थिति में पदों को कम नहीं किया जाएगा, इसके बजाए उनकी भूमिका बढ़ायी जाएगी।
इससे पहले, एसोसिएशन ने जीएसटी परिषद सचिवालय की संरचना का विरोध किया था और मांग की थी कि इसमें आईएएस अधिकारियों के बजाए आईआरएस अधिकारियों को प्रमुखता से इसका जिम्मा सौंपा जाए। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 12 सितंबर को जीएसटी परिषद में राजस्व सचिव को जीएसटी परिषद का पदेन सचिव नियुक्त किये जाने को मंजूरी दे दी। साथ ही सीबीईसी चेयरपर्सन को स्थायी आमंत्रित के रूप में शामिल किया है। राजस्व सचिव सामान्य तौर पर आईएएस अधिकारी होते हैं।
मंत्रिमंडल ने सचिवालय में अतिरिक्त सचिव का एक पद और चार आयुक्त के पद सृजित किये जाने को भी मंजूरी दी। परिषद कर की दर, छूट वाली वस्तुओं तथा कारोबार के लिये न्यूनतम सीमा के बारे में निर्णय करेगी।
सौजन्य से :जनसत्ता