जालसाजी कर जीएसटी निबंधन कराने वाले 6 कारोबारियों पर 4.98 करोड़ का जुर्माना

सिवान। वाणिज्यकर विभाग ने कार्रवाई करते हुए जालसाजी कर जीएसटी का निबंधन कराने वाले छह व्यवसायियों पर 4 करोड़ 98 लाख का जुर्माना लगाया है। वहीं विभाग ने दो कारोबारियों पर प्राथमिकी भी दर्ज कराई है। विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार विभाग ने ऐसे 219 कारोबारियों को चिह्नित किया था। इसके बाद विभाग के कर्मचारियों द्वारा फील्ड विजिट कर इनके बारे में जानकारी जुटाई गई थी। जांच के दौरान पाया गया कि वर्तमान समय में आइटीसी का मिसयूज करते हुए अपना निबंधन कराया है। विभाग की इस कार्रवाई से रिटर्न जमा नहीं करने वाले अन्य सैकड़ों कारोबारियों में हड़कंप मच गया है। इसके अलावा विभाग ऐसे भी फर्जी कारोबारियों की सूची बनाने में लगा है, जो निबंधन कराने के बाद कई माह से टैक्स जमा नहीं कर रहे हैं। संयुक्त राज्यकर आयुक्त (प्रभारी) ने बताया कि जीएसटी को लेकर विभाग काफी सख्त हो गया है। वर्तमान समय में जीएसटी रिटर्न दाखिल करने वालों में कमी आई है। इसको लेकर विशेष अभियान चलाया जा रहा है। बता दें कि जिले में 11 हजार 273 व्यवसायियों ने जीएसटी के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। इनमें बड़े-बड़े कपड़ा समेत अन्य दुकानदार, ठेकेदार व अन्य छोटे-बड़े कारोबारी शामिल है।

विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2020 के अप्रैल से नया रिटर्न भरने का नियम लागू होने वाला है। इसमें सबसे बड़ा लाभ आर-वन के तहत 1.50 करोड़ का तिमाही रिटर्न भरने वाले को मिलेगा। नये नियम में यह राशि 1.50 करोड़ के बदले 5 करोड़ हो जाएगी। अब 5 करोड़ तक का कारोबार करने वालों को तीन माह में रिटर्न भरना होगा। इसी के साथ और कई नियमों में छूट दी गई है। सेल्स टैक्स द्वारा नये नियमों की जानकारी देने के लिए व्यापारियों को प्रशिक्षित भी किया जा रहा है।

चार अलग-अलग दरों से होती है जीएसटी की वसूली :

सरकार द्वारा जीएसटी को 4 कैटेगरी में बांटा गया है। इनमें 5, 12, 18 व 28 प्रतिशत टैक्स का निर्धारण है। इनमें सबसे ज्यादा वाहनों या ऑटोमोबाइल पर 28 प्रतिशत है। सबसे कम डेयरी पर 5 प्रतिशत, तेल, मार्बल व ग्रेनाइट, आटा व ठेकेदारी पर 12 प्रतिशत है। दूसरी तरफ, 40 लाख से ज्यादा का कारोबार करने वाले को हर हाल में जीएसटी देना है।

क्या कहते हैं जिम्मेदार :

स्क्रूटनी के क्रम में 219 ऐसे कारोबारियों को चिह्नित किया गया था, जिन्होंने निबंधन के दौरान सही कागजात जमा नहीं किए थे। इनमें से 8 कारोबारियों ने जालसाजी के तहत जीएसटी का निबंधन कराया था। इनके विरुद्ध कार्रवाई करते हुए 6 कारोबारियों पर 4 करोड़ 98 लाख का जुर्माना लगाया है। वहीं दो कारोबारियों पर प्राथमिकी भी दर्ज करा दी गई है। जांच के दौरान आगे भी जालसाजी कर निबंधन कराने वालों की संख्या में बढ़ोत्तरी होने की संभावना है।

 

सौजन्य से: दैनिक जागरण

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