जहां डाल-डाल पर है स्मगलरों का डेरा, वो भारत देश है मेरा।

जहां डाल-डाल पर है स्मगलरों का डेरा, वो भारत देश है मेरा।
जहां भ्रष्ट अफसर और स्मगलर एक ही थाली में खाते।
करोड़ों की काली कमाई करके भी नहीं पकड़े जाते,
वो भारत देश है मेरा।
जहां डीआरआई प्रिवेन्टीव जैसी जांच एजेंसियां सोई रहती।
इसका फायदा स्मगलर जमकर उठाते वह भारत देश है मेरा।

दिल जल जाता है सुन-सुन कर की पूरे देश में स्मगलरों का राज है। हर पोर्ट पर स्मगलिंग हो रही है। दिल्ली एयर कार्गो में बिना ड्यूटी दिये माल निकाला जा रहा है एनईपीजैड नोयडा में अरबों का खेल हो रहा है रास्ते में ही माल गायब कर दिया जाता है भ्रष्ट अफसर मलाईदार पोस्टिंग के लिए अपरोच तथा पैसे का खेल कर रहे है। कोई जवाब देने वाला नहीं है कि कमिश्नरों की ट्रांसफर पोस्टिंग की फाईल इतने दिनों तक क्यों रुकी पड़ी है। लोगों की माने तो एक प्रिंसिपल कमिश्नर ने अपनी पोस्टिंग मलाईदार पद पर रुकवाने के लिए प्रेशर कर रखा है। मोदी जी कह रहे है देश तरक्की कर रहा है; यह नहीं देख रहे कुछ क्रिमिनल टाईप अफसर हर जगह राज कर रहे है। सोना गायब कर दिया जाता है। रेवेन्यू न्यूज़ को सुरक्षा की गारंटी दे सरकार और साथ में ईमानदार अफसरों को जांच के लिए लगाया जाये तो पुराने सोना चोरों को भी पकड़ा जा सकता है। जो पहले भी करोड़ों अरबों का सोना डिपार्टमेंट से चोरी करते रहे और आज रिटायरमेंट के बाद मौज उड़ा रहे है। 500-500 करोड़ के उन अफसरों को सरकार क्यों नहीं पकड़ती जिन्होंने स्मगलरों का साथ दे कर इस देश को चूना लगाया है। मैं सरकार की मजबूरी समझता हूं। मगर एक साल में 10 भ्रष्ट अफसरों को बेनकाब किया जाये तो आज जो भ्रष्टाचार कर रहे है उन्हें भी अक्ल आ जायेगी और शायद वह रिश्वत लेनी छोड़ दें। स्पीड मनी के खिलाफ आज कोई नहीं बोलता हम तो उन अफसरों की बात करते है जो सोना, ड्रग्स और बिना ड्यूटी दिये माल बाहर निकलवा रहे है। मिस-डिक्लरेशन करने वालों का साथ देते है। इन देशद्रोहियों को सरकारी पदों से हटा देना चाहिए। सरकार में यह बैठे ब्लैकमेलरों को बेनकाब करना चाहिए। अपने बच्चों और परिवार को रिश्वत से पालने वाले इन अफसरों को उस दिन शर्म आयेगी जिस दिन इनके बच्चे कहेंगे पापा हमें नहीं चाहिए आप की रिश्वत की कमाई। अपने बच्चों को गलत पैसे कमा कर नपुंसक करने वाले अफसरों पर सरकार शिकंजा कसे। किसी दिन इन्हीं स्मगलरों की लाईन का आतंकवादी फायदा उठा कर कुछ भी कर सकते है। जिस तरह एक बार मुम्बई में भी ही चुका है अभी ताजा उदाहरण है केमिकल के ड्रमों में चट्टन लाई गई करोड़ों की ड्यूटी चोरी हो रही थी जांच की जाये। क्या सीएचए को मालूम नहीं था। बताते है कि सीएचए बल्लभगढ़ पोर्ट का मालिक था। यह सब सोचने का विषय है। पहले भी पड़पड़गंज पोर्ट पर भी पटाखों के 80 के लगभग कंटेनर निकाल चुके है और जांच में आज तक कोई किंगपिंग पकड़ा नहीं गया। क्या इसी तरह होता रहेगा और सरकार इन अफसरों को मोटा वेतन देती रहेगी। आज सभी पोर्ट पर दलाल टाईप माफिया का राज है एक आम आदमी को सब पता रहता है मगर सरकार को क्यों नहीं?

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