नई दिल्ली : सरकार ने गेहूं पर 10 प्रतिशत इंपोर्ट शुल्क लगाने की घोषणा की जो मार्च 2016 तक लागू रहेगी। इससे इस जिंस के इंपोर्ट पर अंकुश लगने तथा भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के गोदामों में पड़े अपेक्षाकृत हल्की गुणवत्ता वाले गेहूं की निकासी तेज होने की उम्मीद है।
वित्त मंत्री ने इस संबंध में जारी अधिसूचना की एक प्रति लोकसभा के पटल पर प्रस्तुत की। जेटली ने बताया कि यह अधिसूचना (सात अगस्त को) ही जारी की गई है। इसके तहत सीमाशुल्क अधिनियम 1962 की धारा 159 के तहत 31 मार्च 2016 तक गेहूं पर 10 प्रतिशत की मूल दर से सीमा शुल्क लगाया गया है। फिलहाल गेहूं पर कोई आयात शुल्क नहीं था। निजी कारोबारी इस समय वैश्विक बाजार में कम कीमत का फायदा उठाने के लिए गेहूं का इंपोर्ट कर रहे हैं, घरेलू बाजार में इस साल उच्च गुणवत्ता वाले गेहूं की कमी है। फसल वर्ष 2014-15 में गेहूं की जोरदार फसल और अनाज खरीद एवं वितरण की प्रमुख एजेंसी, एफसीआई के पास पड़े इफरात भंडार के बावजूद गेहूं का इंपोर्ट हो रहा है।
स्रोत : ईटी