New Delhi :केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने ऑटो सेक्टर में जीएसटी रेट कम होने के संकेत दिए हैं। इस संदर्भ में मेघवाल ने कहा कि, ‘दीवाली आने वाली है।’ इससे पहले ऑटोमोबाइल कंपनियों के सगंठन के सियाम के एक कार्यक्रम में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भी भरोसा दिलाया था कि वे वित्त मंत्रालय को जीएसटी की दरों में कमी करने के लिए सुझाव देंगे। उन्होंनें बीएस-6 मानकों को लागू करने को लेकर ऑटो सेक्टर में छाई मंदी को चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि वे वित्त मंत्री को जीएसटी कम करने की सिफारिश करेंगे।
इससे पहले बुधवार को ऑटोमोबाइल डीलरों की संस्था फाडा ने सरकार से मांग थी कि वाहनों पर से जीएसटी रेट में कटौती की जाए। संस्था का कहना था कि इससे मांग में बढ़ोतरी होगी। संस्था ने जीएसटी की दरें 28 फीसदी से घटा कर 18 फीसदी करने की मांग की है। मंदी से जूझ रहे ऑटो सेक्टर को जीएसटी रेट में कटौती से काफी उम्मीदें हैं। इससे पहले ऑटो कंपनियां भी दरों में कमी किए जाने की मांग कर चुकी हैं।
मंत्रालय पहले से हाईब्रिड वाहनों पर जीएसटी घटाने को लेकर विचार-विमर्श कर रहा है। सरकार पहले ही इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी की दरें घटा कर 12 फीसदी से पांच फीसदी तक कर चुकी है। साथ ही सरकार योजना बना रही है कि ऑटो लोन की ब्याज दरों में कटौती की जाए। आरबीआई ने बैंकों को सभी लोन रेपो रेट से जोड़ने के आदेश दिए हैं। जिसके बाद एक अक्टूबर से होम लोन, ऑटो लोन, पर्सनल लोन और सभी प्रकार को लोन को जोड़ने को कहा गया है। जिसके बाद माना जा रहा है कि ऑटो लोन की किश्तों में कमी आएगी।
अगली जीएसटी काउंसिल की बैठक 20 सितंबर को गोवा में होनी है। उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार पर बढ़ते दबाव के बीच जीएसटी काउंसिल में अस्थाई तौर पर कुछ वक्त के लिए जीएसटी दरों में कटौती करने का फैसला लिया जा सकता है। सरकार की घबराहट इस बात को लेकर है कि अगर उन्होंने एक सेक्टर में जीएसटी की दरों में कटौती का एलान किया तो, मंदी की मार से जूझ रहे देश के बाकी सेक्टरों में भी दरों में कमी किए जाने की मांग कर सकते हैं।