नई दिल्ली: केंद्रीय वित्तमंत्री ने 14 जुलाई को कहा कि कुछ रेस्तरांओं द्वारा ग्राहकों से लिया जा रहा सर्विस टैक्स सरकार को नहीं चुकाया जा रहा है और वे इसे अपने पास रख ले रहे हैं. मंत्रालय द्वारा यहां जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, “कुछ रेस्तरां/होटल/भोजनालय अपने बिल में खाने व बेवरेज शुल्क के अलावा सेवा शुल्क भी लेते हैं. इस सेवा शुल्क को वे अपने पास ही रख लेते हैं।
उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को लगता है कि ये कर सरकार द्वारा वसूल किए जाते हैं, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है।
मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि एयरकंडीशन वाले रेस्तराओं में सर्विस टैक्स की प्रभावी दर कुल राशि पर 5.6 प्रतिशत है।
सरकार ने एक जून से सेवा कर की दर को 14 फीसदी कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट में सेवा कर को 12.36 फीसदी से बढ़ाकर 14 फीसदी करने की सिफारिश की थी। बीते महीने मंत्रालय ने घोषणा की थी कि बिना एयरकंडीशन वाले रेस्तरां ग्राहकों से कोई सेवा कर की मांग नहीं कर सकते, जबकि एयरकंडीशन वाले रेस्तरां कुल बिल के 40 फीसदी पर ही सेवा कर वसूल सकते हैं। मंत्री ने अपने स्पष्टीकरण में कहा, “जिन रेस्तरांओं में एयरकंडीशन या सेंट्रल हीटिंग सुविधाएं नहीं होंगी, उन्हें सेवा कर से मुक्त किया जाता है। बयान के मुताबिक, “दूसरे शब्दों में एयरकंडीशन या सेंट्रल हीटिंग वाले रेस्तरांओं को ही सेवा कर देना होगा।