नई दिल्ली : वित्त मंत्रालय ने कस्टम ड्यूटी से संबंधित धोखाधड़ी के मामलों पर लगने वाले जुर्माने में 10 फीसदी की कटौती करने की घोषणा की है।
कस्टम एक्ट-1962 की धारा 28 में संशोधन किया गया है। ड्यूटी के भुगतान से बचने के लिए की गई धोखाधड़ी, मिलीभगत, जानबूझकर गलत जानकारी देना या चीजों को छुपाने जैसे मामलों में लगने वाले जुर्माने को घटाकर अब 15 फीसदी कर दिया गया है, जो कि पहले 25 फीसदी था।
इसके साथ ही गलत ढंग से वस्तुओं के निर्यात या आयात पर लगने वाला जुर्माना इस पर लगने वाली ड्यूटी का 10 फीसदी से अधिक या 5000 रुपए, जो भी ज्यादा हो वह लिया जाएगा।
फाइनेंस एक्ट 2015 के तहत कस्टम एक्ट की धारा 112 और 114 में संशोधन किया गया है। मंत्रालय ने धोखाधड़ी के जरिये सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी और सर्विस टैक्स चोरी के लिए भी जुर्माने को तर्कसंगत बनाया है। जानबूझकर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी की चोरी करने वालों पर चोरी की गई ड्यूटी के बराबर जुर्माना लगाया जाएगा।
इसी प्रकार सर्विस टैक्स चौरी पर 100 फीसदी जुर्माना लगाया जाएगा। एक्ट में कहा गया है कि यदि इस संबंध में जारी नोटिस से 30 दिन के भीतर सर्विस टैक्स, ब्याज और जुर्माने का भुगतान किया जाता है तो सर्विस टैक्स की रकम का 15 फीसदी जुर्माना लगाया जाएगा। पिछले माह राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने फाइनेंस एक्ट 2015 को अपनी मंजूरी दे दी है। यह कानून धोखाधड़ी, मिलीभगत और जानबूझर गलत जानकारी देने वाले मामलों पर प्रभावी होगा।
स्रोत : दैनिक भास्कर