अधिकारियों के बीच तालमेल की कमी का फायदा उठाकर 14 स्मगलर दुबई भाग गए

Image result for igi airportनई दिल्ली : आईजीआई एयरपोर्ट के टी-3 टर्मिनल पर कस्टम और सीआईएसएफ अधिकारियों के बीच तालमेल की कमी का फायदा उठाकर 14 स्मगलर दुबई भाग गए। कस्टम का आरोप है कि सीआईएसएफ ने उन्हें समय रहते इसकी जानकारी नहीं दी। उनके पास अधिकार न होते हुए भी उन्होंने एक यात्री की उस वक्त तलाशी ली जब उसने इमिग्रेशन काउंटर पार नहीं किया था। वहींए सीआईएसएफ का कहना है कि उन्होंने जो भी किया उचित किया और कानून के दायरे में रहकर ही किया। सूत्रों का कहना है कि दोनों एजेंसियों के बीच को-आॅर्डिनेशन की कमी की वजह से 15 में से सिर्फ एक स्मगलरों ही पकड़ा जा सका। बाकी 14 दुबई के लिए टेक आॅफ कर गए।
जानकारी के अनुसार सीआईएसएफ ने टी-3 के पहले गेट से प्रवेश करने वाले मोहम्मद फैजान नाम के एक भारतीय यात्री को संदेह के आधार पर पकड़ा। उसकी तलाश ली गई तो उसके पास 20 लाख रुपये की विदेशी करेंसी मिली। जो वह दुबई ले जा रहा था। वहां से सोना खरीदकर यहां उसकी स्मगलिंग करता। सीआईएसएफ ने यह मामला कस्टम को न देकर इनकम टैक्स को दे दिया। वहीं कस्टम सूत्रों का आरोप है कि किसी भी संदिग्ध यात्री की तलाशी लेने की एक कानूनी प्रक्रिया है।
जिसका सीआईएसएफ ने पालन नहीं किया। आरोपी फैजान को इमिग्रेशन से पहले पकड़ा गया। जबकि कस्टम यह चैनल पार करने के बाद संदिग्ध को पकड़ता है ताकि बाद में आरोपी यह न कह सके कि उसने टिकट जरूर करा रखा था लेकिन विदेश जाने का प्रोग्राम उसने कैंसल कर दिया था। दूसरा इसके एक पीएनआर पर 14 अन्य स्मगलर भी दुबई जा रहे थे। जिनका टिकट सीआईएसएफ ने कस्टम अधिकारियों को समय रहते नहीं दिया। इस गड़बड़ी की वजह से 14 स्मगलर टी-3 से स्पाइसजेट की फ्लाइट नंबर एसजी-11 से टी-3 से दुबई के लिए टेक आॅफ कर गए। ये भारत से विदेशी करेंसी लेकर दुबई जाते हैं और वहां से सोना खरीदकर दिल्ली या भारत के अन्य एयरपोर्ट पर उतरते हैं।
कस्टम सूत्रों का कहना है कि जब सीआईएसएफ ने आरोपी को पकड़ा था तो नियमानुसार तभी कस्टम को भी सूचना देनी चाहिए थी लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और आरोपी की खुद ही तलाशी ले डाली। जब कस्टम को इसका पता लगा तो भी सीआईएसएफ ने उस यात्री का टिकट कस्टम से शेयर नहीं किया। वर्ना उसके 14 अन्य साथियों को टेक आॅफ से पहले टी-3 पर ही पकड़ा जा सकता। जब वह लोग यहां से उड़ गए उसके काफी देर बाद उन्हें यह सूचना शेयर की गई। फैजान ने बताया कि इसी तरह से लाखों-करोड़ों रुपये की विदेशी करेंसी उसके अन्य साथियों के पास भी थी।
अब इस मामले में कस्टम सीआईएसएफ के खिलाफ लिखित में शिकायत करने के मूड में है। जबकि सीआईएसएफ का कहना है कि उसने कुछ भी गलत नहीं किया। उसकी यह डयूटी है कि एयरपोर्ट के अंदर जो भी संदिग्ध यात्री घुसता है वह उसकी तलाशी ले सके।

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